Falgun Skanda Shashthi fast brings happiness in life

फाल्गुन स्कंद षष्ठी व्रत से जीवन में आती है खुशियां, देखें क्या है खास

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Falgun Skanda Shashthi fast brings happiness in life

हिन्दू धर्म में फाल्गुन स्कंद षष्ठी व्रत का खास महत्व है, यह हर महीने की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि स्कंद षष्ठी के रूप में मनाई जाती है। इस दिन भगवान कार्तिकेय की पूजा का विधान है, पंडितों के अनुसार इस दिन पूजन करने से भगवान कार्तिकेय की कृपा प्राप्त होती है एवं इस दिन भगवान कार्तिकेय की पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। यह पर्व शक्ति, विजय और साहस का प्रतीक है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार फाल्गुन स्कंद षष्ठी के दिन फल दान करने से स्वास्थ्य लाभ होता है और देवता प्रसन्न होते हैं। दूध दान करने से ज्ञान और बुद्धि में वृद्धि होती है। दही दान करने से आयु और स्वास्थ्य में वृद्धि होती है। गरीबों को अनाज दान करने से अन्नपूर्णा की कृपा प्राप्त होती है। गरीबों को वस्त्र दान करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है। तिल का दान करने से पितरों को शांति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। गुड़ और घी का दान करने से भी पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। जल का दान करना भी बहुत शुभ माना जाता है। आप प्यासे लोगों को पानी पिला सकते हैं या सार्वजनिक स्थानों पर पानी के प्याऊ लगवा सकते हैं। गरीबों को कंबल दान करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है।

शास्त्रों के अनुसार फाल्गुन स्कंद षष्ठी दान करते समय हमेशा श्रद्धा और भक्ति का भाव होना चाहिए। दान सदैव जरूरतमंदों को ही करें। दान के समय अहंकार नहीं करें। दान हमेशा गुप्त रूप से करें।

पंडितों के अनुसार स्कंद षष्ठी के दिन भगवान कार्तिकेय की पूजा करने से भक्तों के जीवन में आने वाली सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं। यह व्रत क्रोध, लोभ, अहं, काम जैसी बुराइयों पर विजय दिलाकर अच्छा और सुखी जीवन जीने की प्रेरणा देता है। पौराणिक शास्त्रों के अनुसार, स्कंद षष्ठी के दिन स्वामी कार्तिकेय ने तारकासुर नामक राक्षस का वध किया था, इसलिए इस दिन भगवान कार्तिकेय के पूजन से जीवन में उच्च योग के लक्षणों की प्राप्ति होती है। इतना ही नहीं इस दिन अगर विशेष विधि से भगवान कार्यतिकेय का पूजन किया जाता है, शत्रुओं पर विजय और उनसे छुटकारा मिल जाता है। स्कंद षष्ठी के दिन भगवान कार्यतिकेय की पूजा के साथ ही व्रत भी किया जाता है। धर्म शास्त्रों में भगवान कार्तिकेय युद्ध का देवता का देवता माना गया है। उनकी पूजा करने से शत्रुओं पर विजय तो मिलती है, घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है और बुद्धि का विकास होता है। पूजा करते समय मन को एकाग्र रखना चाहिए और नकारात्मक भावना मन में नहीं लानी चाहिए।

पंडितों के अनुसार स्कंद षष्ठी के दिन सुबह उठकर स्नान करके साफ वस्त्र धारण कर लेने चाहिए और पूजा स्थल की साफ-सफाई कर लेनी चाहिए। इसके बाद भगवान कार्तिकेय की मूर्ति या तस्वीर रख लेनी चाहिए। पूजा के दौरान भगवान कार्तिकेय को गंगाजल से स्नान कराएं। भगवान कार्तिकेय को चंदन, रोली, सिंदूर आदि लगाना चाहिए। भगवान कार्तिकेय को फूलों की माला पहनानी चाहिए और भगवान कार्तिकेय के सामने घी का दीपक और धूप जलाना चाहिए। भगवान कार्तिकेय को तांबे के लोटे में जल से अर्घ्य देना चाहिए। भगवान कार्तिकेय को फल, मिठाई, दूध आदि का भोग लगाना चाहिए। ऊँ कार्तिकेय नम: मंत्र का जाप करना चाहिए और स्कंद षष्टि व्रत की कथा पढऩी चाहिए। अंत में आरती कर पूजा का समापन करना करना चाहिए।

फाल्गुन स्कंद षष्ठी के दिन करें ये उपाय 

फाल्गुन स्कंद षष्ठी के दिन भगवान स्कंद के मंदिर जरूर जाएं। मंदिर जाते समय अपने साथ गुड़ और घी लेकर जाएं। भगवान स्कंद को गुड़ और घी का भोग चढ़ाएं। साथ ही भगवान स्कंद के मंत्रों में से किसी एक का जाप करें। इस उपाय को करने से कुछ ही दिनों में फर्क महसूस होने लगेगा, और आर्थिक समस्याओं में राहत मिलेगी। कर्ज से मुक्ति भी मिल सकती है और आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा।
फाल्गुन स्कंद षष्ठी के व्रत में सिर्फ फलाहार खाएं। इस दिन भूलकर भी मांसाहार, लहसून प्याज और शराब का सेवन न करें। इस दिन किसी की बुराई न करें। किसी के लिए मन में नकारात्मक विचचार न लाएं और किसी को अपशब्द भी न कहें। इस दिन क्रोध न करें और झूठ न बोलें। व्रत का पारण करते समय भी तामसिक चीजें न खाएं।

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